कोई भी सैलरीड कर्मचारी अगर बैंक में होमलोन, कार लोन या बिजनेस लोन के लिए अप्लाई करता है तो उससे टेक होम सैलरी पूछी जाती है। इसी तरह क्रेडिट कार्ड या क्रेडिट लाइन की लिमिट निर्धारित करने में भी टेक होम सैलरी पूछी जाती है। टेक होम सैलरी के आधार पर ही यह तय होता है कि किसी कर्मचारी को अधिकतम कितना लोन मिल सकता है। इस लेख में हम जानेंगे कि टेक होम सैलरी क्या होती है? इसकी गणना कैसे की जाती है? What is Take Home Salary in Hindi. How to Calculate It?
टेक होम सैलरी क्या होती है?
Take Home Salary का मतलब, उस सैलरी से होता है, जोकि आपकी पूरी सैलरी में से PF और टैक्स वगैरह काटने के बाद, हर महीने आपके बैंक अकाउंट में ट्रांसफर की जाती है। या फिर आपके हाथ में दी जाती है। टेक होम सैलरी को ही इन हैंड सैलरी या नेट सैलरी कहा जाता है।
दरअसल, कोई भी नौकरी ज्वाइन करते समय जो सैलरी आपको ऑफर की जाती है वह CTC (Cost to Company) के रूप में होती है। यह CTC वास्तव में कंपनी की ओर से आपको मिलने वाले पैसों और सभी सुविधाओं की लागत का जोड़ होती है। इसमें से कई चीजें कटने के बाद जो बची हुई रकम, हर महीने आपको मिलती है, वह आपकी Take Home Salary होती है।
- ईपीएफ (Employee Provident Fund) : आपकी सेलरी में से एक हिस्सा EPF के रूप में कट जाता है। आपकी कंपनी, हर महीने आपकी सैलरी से 12% काटकर आपके EPF Account में जमा करती है। जितना पैसा आपका कटता है, उतनी ही पैसा आपकी कंपनी भी अपनी तरफ से आपके पीएफ अकाउंट में जमा करती है। टेक होम सेलरी निकालने के पहले इस कटौती को अपनी CTC से घटा देना चाहिए।
- इनकम टैक्स (Income Tax): अगर आपकी सैलरी इतनी है कि उस पर टैक्स कटना चाहिए तो आपकी कंपनी, सैलरी में से TDS भी काटकर सरकार के पास जमा करती है। इसे भी घटा देना चाहिए।
- प्रोफेशनल टैक्स (Professional Tax): अगर, आप किसी कमाऊ पेशे में हैं जैसे कि सीए, वकील वगैरह तो आपको प्रोफेशनल टैक्स भी चुकाना पड़ता है। फिलहाल यह एक साल में 2500 रुपए से ज्यादा नहीं हो सकता। इसे भी घटा देना पड़ता है।
इन कटौतियों को निकालने के बाद, बची हुई रकम हर महीने आपके सैलरी खाते में भेजी जाती है। यही आपकी Take Home Salary या In Hand Salary या Net Salary होती है। नीचे दिए गए फॉर्मूला और गणना के उदाहरण से इसे और बेहतर तरीके से समझा जा सकता है।
टेक होम सेलरी निकालने का फॉर्मूला
टेक होम सैलरी के लिए फॉर्मूला होता है—
Net Salary = (Basic Salary + HRA + Allowances) – (Income Tax + EPF + Professional Tax)
इस फॉमूले को बिना ब्रैकेट के लिखा जाए तो यह इस प्रकार होगा—
Net Salary = Basic Salary + HRA + Allowances – Income Tax – EPF – Professional Tax
इस फॉर्मूला में आप देख सकते हैं कि आपको मिल रही सैलरी में निम्नलिखित चीजें शामिल होती हैं—
- Basic Salary : मूल वेतन
- HRA : मकान किराया भत्ता
- Allowances : महंगाई भत्ता, यात्रा भत्ता वगैरह
इसमें से जो चीजें आपके हाथ में या बैंक अकाउंट में नहीं आतीं वे हैं—
- EPF (हर महीने आपकी सैलरी से कट जाता है)
- Income Tax (टीडीएस के रूप में आपकी सैलरी से कट जाता है)
- Professional Tax (अगर आप पर लागू है, तो यह भी आपकी आमदनी से कट जाता है)
टेक होम सैलरी की गणना का उदाहरण
यहां हमने नोएडा (UP) की एक विज्ञापन कंपनी के कर्मचारी सौरभ अग्रवाल की बेसिक सेलरी 15000 रुपए प्रतिमाह मान ली है। यह सालाना के हिसाब से 180000 रुपए होती है। अन्य भत्तों को मिलाकर, सालाना 5 लाख रुपए तक का पैकेज (CTC) तय किया गया है। अब हम सौरभ की CTC में से टेक होम सैलरी की गणना नीचे बताए गए तरीके से कर सकते हैं।
Cost to Company (CTC) साल भर में कंपनी आप पर जितना खर्च करती है | 5,00,000 |
(-)Bonus: हर साल मिलने वाले बोनस को CTC से घटा दीजिए (अधिकतम 20% तक बोनस दिया जा सकता है) | –30,000 |
Gross Salary बोनस घटाने के बाद मिलने वाली रकम पता करिए | 4,70,000 |
(-)Professional Tax अगर प्रोफेशनल टैक्स कटता है तो इसे भी घटा दीजिए (UP में हर महीने 200 रुपए+फरवरी में 300 रुपए ) साल भर में टोटल 2500 रुपए कटेंगे | -2,500 |
(-)EPF Employee Contribution आपका जितना पैसा पीएफ में कटता है, घटा दीजिए ( हर महीने 15000 का 12%= 18 हजार रुपए ) साल के 12 महीनों में कुल कटेगा 21600 रुपए | -21,600 |
(-)EPF Employer Contribution पीएफ अकाउंट में कंपनी का अंशदान भी घटा दीजिए ( हर महीने 15000 का 12%= 18 हजार रुपए ) साल के 12 महीनों में कुल कटेगा 21600 रुपए | -21,600 |
Total Deductions (EPF+Bonus) कुल जो पैसा आपके हाथ में नहीं आया | 75,700 |
Take-Home Salary सीटीसी में से पीएफ और बोनस निकालने के बाद 500,000-75700 | 4,24,300 |
अपनी मासिक टेक होम सैलरी कैसे पता करें?
ऊपर दिए गए उदाहरण के हिसाब से सौरभ अग्रवाल की सालाना टेक होम सेलरी 4,24,300 रुपए होती है। इसे मंथली के हिसाब से निकालने के लिए 12 से भाग कर सकते हैं, जोकि 35358 रुपए होती है। आप अपने सैलरी अकाउंट में हर महीने जमा होने वाले पैसों का स्टेटमेंट देखकर भी मासिक टेक होम सैलरी का पता कर सकते हैं।
टेक होम सैलरी को बढ़ाने का तरीका
टेक होम सैलरी बढ़ाने का तरीका यह है कि आप ज्यादा से ज्यादा टैक्स सेविंग निवेशों में पैसा लगाएं। इससे आपको पहले के मुकाबले कम टैक्स चुकाना होगा। फिर आपकी कुल आमदनी में से कम इनकम टैक्स घटाना होगा और आपकी टेक होम सैलरी अपने आप ज्यादा गिनी जाएगी। इससे आपकी लोन लेने की क्षमता पहले से ज्यादा हो जाएगी। टैक्स बचाने वाले उपायों की जानकारी आप हमारे लेख सैलरी पर टैक्स बचाने के तरीके में देख सकते हैं।