भारतीय स्टेट बैंक (SBI), भारत का सबसे बड़ा सरकारी बैक है। यहां सबसे ज्यादा लोगों के बैंक अकाउंट भी हैं। यह सेविंग अकाउंट, एफडी, आरडी, मासिक आय योजना जैसे अकाउंट अपने ग्राहकों को उपलब्ध कराता है। सरकारी सेविंग स्कीमों जैसे कि सुकन्या समृद्धि योजना, सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम, पीपीएफ वगैरह के अकाउंट भी आप यहां खुलवा सकते हैं।
हमारे कई मित्रों ने पूछा था कि भारतीय स्टेट बैंक (SBI) में पीपीएफ खाता खुलवाने के क्या लाभ हैं? इस लेख में हम आपके इस प्रश्न का उत्तर देंगे,उसके बाद एसबीआई पीपीएफ खाता के मुख्य नियमों की भी जानकारी साझा करेंगे। Benefits of SBI PPF Account in Hindi
भारतीय स्टेट बैंक में पीपीएफ खाता के फायदे
सबसे पहले तो यह बता दें कि PPF स्कीम, भारत सरकार की एक लघु बचत योजना (Small Saving Scheme) है। इसमें आप, अपनी सुविधानुसार, थोड़ा-थोड़ा करके पैसे जमा कर सकते हैं। हर साल कम से कम 500 रुपए से लेकर 1.50 लाख रुपए तक जमा कर सकते हैं। जैसे-जैसे आप पैसे जमा करते जाते हैं, वैसे-वैसे उस पर ब्याज जुड़ता जाता है। 15 साल तक पैसे जमा किए जा सकते हैं। 15 साल पूरे होने के बाद आपकी कुल जमा और कुल ब्याज को मिलाकर, एकमुश्त रकम आपको वापस मिल जाती है।
चूंकि यह एक सरकारी योजना है, इसलिए इसमें खाता खोलने, पैसे जमा करने और निकालने के सभी नियम, भारत सरकार का वित्त मत्रालय बनाता है। वे नियम, पोस्ट ऑफिस के साथ-साथ देश के सभी सरकारी और प्राइवेट बैंकों में एक समान रूप से लागू होते हैं। कोई भी बैंक या वित्ताीय सस्थान अपने हिसाब से इसके लिए अलग नियम नहीं बना सकता।
अब हम, भारतीय स्टेट बैंक (SBI) में, पीपीएफ खाता खोलने के लाभों की जानकारी दे रहे हैं-
1. पीपीएफ में जमा पैसों पर मिलती है 7.1 % ब्याज
एसबीआई पीपीएफ अकाउंट मे जमा पैसों पर सरकार 7.1 % सालाना के हिसाब से ब्याज देती है। वैसे तो यह कुछ अन्य सरकारी योजनाओं, जैसे कि किसान विकास पत्र योजना, NSC (राष्ट्रीय बचत पत्र) स्कीम, और सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम से कम दिखती है, लेकिन इसमें इन योजनाओं की तरह इकट्ठा पैसा जमा नहीं करना पड़ता। इसलिए कम आमदनी वाले लोग PPF में थोड़ा-थोड़ा पैसे जमा करके ठीक-ठाक ब्याज प्राप्त कर सकते हैं।
2. हर साल 500 रुपए से 1.50 लाख रुपए तक जमा कर सकते हैं
एसबीआई पीपीएफ अकाउंट में आप हर साल न्यूनतम 500 रुपए से लेकर, अधिकतम 1.50 लाख रुपए तक जमा कर सकते हैं। पैसा हर साल या हर महीने में कितनी बार जमा करेंगे, इसके लिए भी कोई प्रतिबंध नहीं है। आप हर साल या हर महीने चाहे जितनी बार जमा कर सकते हैं। बस ये ध्यान रखना है कि, किसी भी वित्तीय वर्ष के दौरान 500 रुपए से कम जमा किए तो अकाउंट बंद हो जाएगा। उसे दोबारा चालू कराने के लिए 50 रुपए पेनाल्टी अलग से जमा करनी पड़ेगी।
3. पंद्रह साल में इकट्ठा कर सकते हैं 40 लाख रुपए से अधिक रकम
अगर आप इसकी अधिकतम जमा सीमा तक पैसे जमा कर पाते हैं तो हर साल 1.50 लाख रुपए के हिसाब से 15 साल में 22.50 लाख रुपए जमा हो जाएंगे। इसके बदले में, सरकार आपको ब्याज मिलाकर कुल 40.68 लाख रुपए वापस करती है। इससे कम जमा करते हैं तो उसी के हिसाब से कम पैसा मिलेगा।
आपके अनुमान के लिए हमने नीचे एक पीपीएफ कैलकुलेशन तालिका दे रहे हैं, जिसमें हर महीने की जमा के हिसाब से 15 साल बाद वापस मिलने वाली रकम के बारे में गणना करके दिखाया गया है-
हर महीने SBI PPF में, आप जमा करेंगे? | 15 साल बाद आपको रकम वापस मिलेगी? |
500 रुपए | 168,987 रुपए |
1000 रुपए | 337,973 रुपए |
2000 रुपए | 675,947 रुपए |
3000 रुपए | 1,013,920 रुपए |
5000 रुपए | 1,689,866 रुपए |
10000 रुपए | 3,379,733 रुपए |
12250 रुपए | 4,140,172 रुपए |
नोट: अगर आप ऊपर तालिका में दी गई रकम से अलग, कोई रकम जमा करने की सोच रहे हैं तो उसकी गणना के लिए हमारे पीपीएफ कैलकुलेटर की मदद ले सकते हैं।
4. हर साल 1.50 लाख तक की जमा पर, ले सकते हैं टैक्स छूट
पीपीएफ अकाउंट में जमा पैसों पर सरकार इनकम टैक्स एक्ट के Section 80C के तहत टैक्स छूट देती है। यह टैक्स कानून आपको Section 80C के तहत आने वाले सभी निवेशों और खर्चों पर, हर साल 1.50 लाख रुपए तक के खर्च पर टैक्स छूट लेने का अधिकार देता है। अन्य कौन-कौन से निवेश और खर्चें इस टैक्स छूट को प्राप्त करने में मदद करते हैं, इसकी विस्तार से जानकारी हमने अलग लेख में दी है।
5. दूसरे वित्तीय वर्ष के बाद लोन लेने की सुविधा चालू हो जाती है
भारतीय स्टेट बैंक में पीपीएफ खाता खुलवाने के बाद, दूसरे वित्तीय वर्ष के बाद, लोन लेने की सुविधा चालू हो जाती है। उदाहरण के लिए, आपने अगर 2022-23 के दौरान अकाउंट खुलवाया है तो 1 अप्रैल 2024 से आप इस अकाउंट से लोन ले सकते हैं। यह लोन हर वित्त वर्ष में सिर्फ एक बार लिया जा सकता है।
यह लोन आप, अपने अकाउंट में, 1 वित्तीय वर्ष पहले मौजूद रहे बैलेंस का 25% तक मिल सकता है। उदाहरण के लिए, आपने वित्त वर्ष 2025-26 के दौरान पीपीएफ लोन के लिए, आवेदन किया है तो आप 31 मार्च 2024 को मौजूद रहे बैलेंस का 25% तक लोन ले सकते हैं।
पीपीएफ से लिए गए लोन को आप अगले 3 साल के भीतर चुकता कर सकते हैं। इस पर सिर्फ 1% सालाना के हिसाब से ब्याज भरनी पड़ती है। लेकिन, अगर आपने 3 साल के भीतर लोन नहीं चुकाते हैं तो फिर 6% सालाना के हिसाब से ब्याज जोड़कर पैसा वापस करना पड़ेगा।
जब तक आप पिछले लोन को चुकता नहीं कर देते, तब तक आपको नया लोन नहीं मिलेगा।
पीपीएफ से लोन लेने की यह सुविधा अकाउंट के 5 वित्तीय वर्ष पूरे होने तक चालू रहती है। इसके बाद लोन की जगह पर 50% तक आंशिक निकासी (Partial Withdrawal) की सुविधा चालू हो जाती है। आंशिक निकासी का नियम हमने अगले पैराग्राफ में दिया है।
ध्यान दें: अगर आपकी बेटी 10 साल से कम उम्र की है तो उसके लिए, सुकन्या समृद्धि योजना का अकाउंट खुलवा लेना बेहतर रहेगा। इस पर सरकार अच्छी ब्याज और टैक्स छूट देती है।
6. पांच साल बाद, जरूरत पड़ने पर कुछ पैसा निकाल भी सकते हैं
एसबीआई पीपीएफ अकाउंट के 5 वित्तीय वर्ष पूरे होने के बाद आप, जरूरत पड़ने पर कुछ हिस्सा निकाल भी सकते हैं। उदाहरण के लिए आपने अगर वित्तीय वर्ष 2022-23 के दौरान, पीपीएफ अकाउंट खुलवाया है तो फिर 1 अप्रैल 2028 से आप आंशिक पीएफ निकालने (Partial Withdrawal) के लिए आवेदन कर सकते हैं।
तब आप अपने पीएफ अकाउंट में 3 वित्तीय वर्ष के पहले मौजूद रहे बैलेंस का 50% तक निकाल सकेंगे। उदाहरण के लिए आपने आपने वित्तीय वर्ष 2028-29 के दौरान, पैसे निकालने के लिए आवेदन किया है तो फिर 31 मार्च 2025 तक मौजूद रहे बैलेंस का 50% तक निकाल सकेंगे। ये पैसा आप 5 साल बाद, जरूरी होने पर हर वित्तीय वर्ष में एक बार निकाल सकते हैं।
यहां यह भी ध्यान रखना होगा कि अगर आपके अकाउंट में बैलेंस 31 मार्च 2025 से भी कम हो गया होगा (बीच में पैसे निकालने के कारण) तो फिर कम वाले बैलेंस का 50% तक मिल सकेगा।
7. मेच्योरिटी पर, पैसों की जरूरत न हो तो खाता-विस्तार भी करा सकते हैं
15 साल बाद पीपीएफ अकाउंट की अवधि पूरी हो जाती है और आपको जमा और ब्याज को मिलाकर, पूरा पैसा एकमुश्त वापस मिल जाता है। लेकिन, अगर आपको उस समय पैसों की जरूरत नहीं हो तो फिर अगले 5 साल के लिए अपने अकाउंट का खाता-विस्तार (Extension) भी करा सकते हैं।
ये खाता-विस्तार आप चाहें तो पैसे जमा करना जारी रखते हुए भी करा सकते हैं। और चाहें तो, बिना पैसे जमा करते हुए भी करा सकते हैं। दोनों ही स्थितियों में आपकी जमा पर ब्याज जुड़ता रहेगा।
एक बार खाता-विस्तार की अवधि पूरी होने के बाद, उसे चाहें तो दोबारा, तिबारा या जितनी बार चाहें खाता-विस्तार करा सकते हैं। कुछ लोग तो 30-40 साल तक पीपीएफ खाता चालू रखते हैं।
8. पांच साल बाद, आवश्यक होने पर खाता बंद भी करा सकते हैं
एसबीआई पीपीएफ अकाउंट के पांच साल पूरे होने के बाद, कुछ विशेष परिस्थितियों में अकाउंट को बंद भी कराया जा सकता है। ये विशेष परिस्थितियां इस प्रकार हैं-
- खाताधारक को गंभीर बीमारी हो जाने पर
- उसकी पत्नी, पति या बच्चों को गंभीर बीमारी हो जाने पर
- खाताधारक की उच्च शिक्षा (higher education) के लिए जरूरत पड़ने पर
- उसके बच्चों की उच्च शिक्षा के लिए जरूरत पड़ने पर
- खाताधारक के किसी दूसरे देश का नागरिक बन जाने पर
ध्यान दें: ऊपर बताए गए किसी कारण से अगर आप बीच में अकाउंट बंद कराते हैं, तो 1% ब्याज काटकर पैसा वापस मिलेगा। ये ब्याज कटौती आपका अकाउंट शुरू होने से लेकर बंद करने तक की ब्याज में से की जाएगी।
लेकिन, अगर आपने 15 साल की मेच्योरिटी पूरी होने के बाद अकाउंट का खाता-विस्तार कराया है तो फिर ब्याज दर में कटौती, मौजूदा 5 वर्षीय ब्लॉक में मिली ब्याज दर में से की जाएगी। ऐसे अकाउंट में, शुरुआत वाले 15 साल की अवधि में मिले ब्याज दर में कोई कटौती नहीं की जाएगी।
9. बच्चों के लिए भी खुलवाया जा सकता है पीपीएफ अकाउंट
कोई भी माता-पिता या कानूनी अभिभावक, अपने बच्चों के लिए भी पीपीएफ अकाउंट खुलवा सकते हैं। लेकिन, बच्चे के पीपीएफ अकाउंट की जमा और अभिभावक के पीपीएफ अकाउंट की जमा को मिलाकर, हर साल अधिकतम 1.50 लाख रुपए तक ही जमा किए जा सकेंगे। सेक्शन 80 C के तहत टैक्स छूट भी दोनों को मिलाकर, हर साल अधिकतम 1.50 लाख रुपए पर ली जा सकेगी।
बच्चा जब 18 साल की उम्र पूरी कर लेगा, तो वह अकाउंट उसी के नाम हो जाएगा। तब फिर दोनों लोग अपने-अपने अकाउंट में हर साल, अलग-अलग 1.50-1.50 लाख रुपए तक जमा कर सकेंगे। तब फिर सेक्शन 80 C के तहत, 1.50 लाख रुपए पर टैक्स छूट भी दोनों लोग अलग-अलग ले सकेंगे।
Note: अगर आपकी या आपके माता-पिता की उम्र 60 साल से अधिक है तो सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम में पैसा जमा करके, हर तिमाही पर ब्याज के रूप में बढ़िया आमदनी प्राप्त कर सकते हैं।
10. EPF या GPF अकाउंट होने पर भी PPF अकाउंट खुलवा सकते हैं
प्राइवेट कर्मचारी, अपनी नौकरी वाला EPF (Employee Provident Fund) अकाउंट होने के बावजूद अलग से SBI में PPF अकाउंट खुलवा सकते हैं और दोनों में साथ-साथ सेक्शन 80 C की टैक्स छूट का फायदा ले सकते हैं।
इसी तरह सरकारी कर्मचारी भी अपनी नौकरी वाला GPF (General Provident Fund) अकाउंट होने के बावजूद, अलग से SBI PPF अकाउंट खुलवा सकते हैं। दोनों की टैक्स छूट का अलग-अलग फायदा भी ले सकते हैं।
तो दोस्तों ये थी भारतीय स्टेट बैंक में पीपीएफ खाता के लाभ संबंधी जानकारी। अगर आपके पास में एकमुश्त बड़ी रकम है तो उसे एसबीआई एफडी अकाउंट में जमा कर सकते हैं। इसी तरह, कई अच्छी सरकारी बचत योजनाएं है, जिन पर अच्छी ब्याज दर और टैक्स छूट मिलती है, इनके बारे में जानकारी हमने अलग लेख में दी है।